गुजरात में अरब सागर से 100 किलोमीटर दूर बंजर रेगिस्तान में बर्फ़ की तरह सफ़ेद नमक का विस्तृत मैदान है,
जो उत्तर में पाकिस्तान के साथ लगती सरहद तक फैला हुआ है. इसे कच्छ के रण के नाम से जाना जाता है
कछुए के आकार का यह इलाक़ा दो हिस्सों में बंटा है- महान या बड़ा रण 18,000 वर्ग किलोमीटर में फैला है
दूसरा हिस्सा छोटा रण कहलाता है जो 5,000 वर्ग किलोमीटर में फैला है.
इन दोनों को मिला दें तो नमक और ऊंची घास का विस्तृत मैदान बनता है जो दुनिया के सबसे बड़े नमक के रेगिस्तानों में से एक है.
हर साल गर्मियों के महीने में मॉनसून की बारिश होने पर रण में बाढ़ आ जाती है. सफे़द नमक के सूखे मैदान बिल्कुल ग़ायब हो जाते हैं
बड़ा रण भुज शहर से क़रीब 100 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में है. इसे भारत का अंतहीन 'सफे़द रेगिस्तान' कहा जाता है
छोटा रण बड़े रण के दक्षिण-पूर्व में है. यह आप्रवासी पक्षियों और वन्य जीवों के लिए अभयारण्य की तरह है
स्थानीय टूर गाइड मितुल जेठी कहते हैं, "यह सफे़द रेगिस्तान इतना सपाट है कि आप क्षितिज तक देख सकते हैं,
कच्छ के रण की भूगर्भीय उत्पत्ति क़रीब 20 करोड़ साल पहले पूर्व-जुरासिक और जुरासिक काल में शुरू हुई थी.
भूकंपों ने यहां के रेगिस्तान में खारे पानी को फंसा दिया जिससे रण की विशिष्ट भू-स्थलाकृति तैयार हुई.