पूर्वोत्तर भारत में हर साल नागालैंड में मनाया जाने वाला हॉर्नबिल फेस्टिवल भारत के सबसे आकर्षक त्योहारों में से एक है.
इस त्योहार को नागालैंड के राजधानी कोहिमा के किसामा के नागा गांव में मनाया जाता है
इस आयोजन का उद्देश्य नागा सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करना और अंतर-जनजातीय सहयोग को बढ़ावा देना है.
इस त्योहार की शुरुआत साल 2000 से हुई. इसके बाद हर साल 1 से 10 दिसंम्बर तक हॉर्नबिल फेस्टिवल का आयोजन होता आ रहा है.
यह त्यौहार ना सिर्फ सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण, विभिन्न जनजातियों के मेल-मिलाप और एक दूसरे के सम्मान-सहयोग के लिए है.
बल्कि देश के अन्य राज्यों से आए लोगों को यहां के आदिवासियों और उनके रीति-रिवाज, रहन-सहन, बोल-चाल व वेशभूषा के बारे में विस्तार में जानने और समझने का मौका देता है.
फेस्टिवल को भव्य बनाने के लिए कई गतिविधियां, शिल्प-कला, भोजन उत्सव और खेलों को शामिल किया जाता है.
इसके अलावा पेंटिंग, वुड कार्विंग और मूर्तियां बनाने जैसी पारंपरिक कलाकृतियां भी सम्मिलित किए जाते हैं.
इसके साथ फैशन प्रस्तुतियाँ, सौंदर्य प्रतियोगिता, पारंपरिक तीरंदाजी, नागा कुश्ती, स्वदेशी गतिविधियां और संगीत प्रदर्शन भी शामिल हैं.
नागालैंड और भारत देश के अन्य क्षेत्रों से आए लोग इन सब गतिविधियों देखने-समझने के साथ-साथ भाग लेकर भी आनंद उठा सकते हैं.
यह हर साल 1 दिसंबर से 10 दिसंबर तक नागा विरासत गांव किसामा में आयोजित किया जाता है