इनर लाइन परमिट प्रणाली के तहत देश के दूसरे राज्यों से मणिपुर जाने वाले लोगों को पहले अनुमति लेनी होती है।

यह अधिनियम पूर्वोत्तर के पहाड़ी आदिवासियों से ब्रिटिश हितों की रक्षा करने के लिये बनाया गया था क्योंकि वे ब्रिटिश नागरिकों (British Subjects) के संरक्षित क्षेत्रों में प्रायः घुसपैठ किया करते थे

बाहर के भारतीय नागरिकों को मणिपुर के संरक्षित राज्य में प्रवेश के लिए परमिट प्राप्त करना होगा

11 दिसंबर, 2019 को राष्ट्रपति की मंज़ूरी के बाद मणिपुर देश का चौथा ऐसा राज्य बना जहाँ ILP प्रणाली लागू होती है

– नगालैंड का दीमापुर ज़िला अभी तक इनर-लाइन परमिट व्यवस्था से बाहर था क्योंकि यह राज्य का एक महत्त्वपूर्ण वाणिज्यिक शहर है एवं यहाँ मिश्रित जनसंख्या निवास करती है, जिसे प्रायः ‘मिनी इंडिया’ भी कहा जाता है।

– दिसंबर 2019 में मेघालय विधानसभा ने राज्य में ‘इनर-लाइन परमिट’ प्रणाली को लागू करने के लिये एक प्रस्ताव अपनाया था और केंद्र से राज्य को इस प्रणाली के तहत शामिल करने का आग्रह किया था।

इस प्रणाली के तहत प्रतिबंधित क्षेत्रों और शेष भारत को दो हिस्सों में विभाजित करने के लिये एक काल्पनिक रेखा बनाई गई है, जिसे ‘इनर-लाइन’ के रूप में जाना जाता है