फूलों के बारे में कुछ ऐसा है, जिसे अगर आप एक बार देख लें तो तन और मन दोनों को एक अलग ही सुकून पहुंचता है।

आपने कभी फूलों की घाटी के बारे में सुना है, जहां दूर-दूर तक बस आपको रंग-बिरंगे फूल दिखाई दे रहे हो?

उत्तराखंड में एक ऐसी जगह है, जिसे ‘फ्लावर ऑफ वैली’ कहते हैं। ये वैली चमोली क्षेत्र में पड़ती है, जो साल में केवल बार 3 से 4 महीने के लिए खुलती है।

बता दें, ये घाटी विश्व धरोहर स्थल की लिस्ट में भी शामिल है, मतलब अब आप समझ सकते हैं कि इस घाटी की खूबसूरती का महत्व कितना है

अगर आप ट्रेकिंग का प्लान बना रहे हैं और शांति सी जगह पर प्रकृति का मजा लेना चाहते हैं, तो चलिए आपको इस जगह के बारे में और जानकारी देते हैं

उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी सबसे प्राकृतिक, खूबसूरत और जैविक विविधता की वजह से 2005 में इसे यूनेस्को स्वरा विश्व धरोहर घोषित किया गया था

फूलों की घाटी में दुनियाभर में पाए जाने वाली फूलों की 500 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं। हर साल देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं।

स्वर्ग सी खूबसूरत घाटी को ढूंढने के लिए शायद आप वनस्पति शास्त्री फ्रेक सिडनी स्माइथ इनका धन्यवाद कर सकते हैं!

फूलों की घाटी में आपको 500 से अधिक प्रजातियां देखने को मिलेंगी, यहां मतलब जैव-विविधता का खजाना है

अगर आप फूलों की घाटी का दीदार करना चाहते हैं, तो बता दें इसे पर्यटकों के लिए 1 जून से खोल दिया गया है। 31 अक्टूबर का दिन इसके खुलने का आखिरी दिन होगा

फूलों की घाटी पहुंचने के लिए आपको बद्रीनाथ हाइवे से गोविंदघाट तक जाना होगा। यहां से तीन किमी सड़क मार्ग से पुलना तक जाना है और 11 किमी की दूरी पर आपको पैदल ट्रेकिंग करनी होगी

ध्यान रहे यहां जाने के लिए भारतीयों को 150 रुपए और विदेशियों को 600 रुपए रजिस्ट्रेशन फीस देनी पड़ती है।

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