लाल किला भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बहुत मशहूर है जो हर साल लाखों लोग इसे देखने आते हैं।
मुगल आर्किटेक्चर के अनूठे नमूने लाल किला का निर्माण पांचवे मुगल बादशाह शाहजहां ने सन् 1638 में कराया था।
कहा जाता है कि यमुना नदी के तट पर स्थित लाल किला आगरा के किले से प्रेरित है जिसे शाहजहां के दादा अकबर ने बनवाया था।
शायद कम ही लोगों को पता होगा कि लाल किला का नाम लाल किला मुगलों ने नहीं बल्कि अंग्रेजों ने रखा था। मुगल तो इसे मुबारक किला ही कहते थे।
लाल किले के दो मुख्य द्वारों में दिल्ली गेट (delhi gate) और लाहौर गेट (lahore gate) शामिल हैं।
दिल्ली का लाल किला नायाब लाल बलुआ पत्थर से बना है जो कि शाहजहां ने खास तौर पर इसी उद्देश्य के लिए मंगवाया था।
दिल्ली का भव्य लाल किला लगभग 256 एकड़ में फैला है जिसमे सैकड़ों शाही कमरे हैं।
किले की विशालता और संस्कृति से जुड़े होने के कारण 28 जून 2007 को दिल्ली लाल किले को यूनेस्को विश्व धरोहर (UNESCO World Heritage) में शामिल किया गया था।
बिज़नेस स्टैंडर्ड पर छपी खबर के अनुसार लाल किले के वर्तमान मालिक डालमिया भारत ग्रुप (Dalmia Bharat group) है |
डालमिया ग्रुप ने 250 मिलियन यानि 25 करोड़ की कीमत पर लाल किला को 5 वर्ष के लिए लीज पर लिया है |
ऐसा करने वाली डालमिया ग्रुप पहली प्राइवेट कंपनी बन गयी है जिसने किसी ऐतिहासिक धरोहर को खरीदा हो।