Interesting Fact About Andaman Nicobar:लाखों पर्यटक हर साल अडंमान-निकोबार द्वीप समूह में छुट्टी मनाने आते हैं, जो भारत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन आप शायद ही इस द्वीप के कई तथ्यों को जानते होंगे। आज हम आपको अंडमान-निकोबार की कुछ ऐसी ही जानकारी देंगे, जो आपको पहले बिल्कुल पता नहीं थी और इन बातों को देखकर पढ़ कर आप जरूर हैरान हो जाओगे।
अंडमान निकोबार में रहने वाले मूल लोग बाहर से आने वालों से इतने ज्यादा घुलते मिलते नहीं हैं। यहां की अधिकांश जनता जारवा है। इनकी आबादी 500 से भी कम की संख्या में हैं ।
ये द्वीप विश्वव्यापी रूप से चर्चित है, आज भी इसमें कई ऐसी जगहें हैं जहां लोग नहीं जा सकते हैं। इसके 572 आइलैंड्स में से 36 को बसने या घूमने के लिए पर्याप्त बनाया गया है। निकोबार में जाने की अनुमति सिर्फ खोज या सर्वे के लिए दी जाती है। यहाँ जाना भी मुश्किल है। ये सब हैरान करनेवाली बाते है।
Interesting Fact About Andaman Nicobar
Interesting Fact About Andaman Nicobar:यहां के समुंदर में सबसे अधिक समुद्री कछुए हैं। यहीं धरती का सबसे बड़ा कछुआ बसता है। Dermocheleys Coriacea नामक एक कछुआ है। यह हर साल अंडमान पहुंचते हैं क्योंकि वे बहुत बड़े होते हैं। धरती पर रहने वाला सबसे छोटा कछुआ ओलिव राइडली भी अंडमान में ही आश्रय लेता है।
भारतीय 20 रूपये के नोट पर जो जंगल है वो अंडमान द्वीप का ही जंगल है। आज तक हमने कई बार इस नोट को देखा है मगर इस नोट के ऊपर जो जंगल दिखाई देता है यह हमको बिल्कुल नहीं मालूम था कि यह जंगल अंडमान निकोबार द्वीप का है।
अंडमान निकोबार आइलैंड आखिर कैसे बना?(Interesting Fact About Andaman Nicobar)
इस द्वीप की उत्पत्ति को लेकर लोगों में कई मत हैं, माना जाता है कि अण्डमान शब्द हनुमान का एक रूप है, जो मलय भाषा से आता है, जो संस्कृत से आता है। दरअसल, मलय में रामायण का हनुमान पात्र हन्डुमान कहलाता है, और निकोबार नेकेड (नग्न) लोगों की जमीन कहलाता है।
अंडमैन में व्यावसायिक तौर पर फिशिंग बैन है। इस धरती पर मछलियों को उम्र पूरी कर ही उन्हें मरने का अवसर मिलता है। यानी कि यहां के समुंदर के मछलियों को बिल्कुल मारा नहीं जाता है।
यहाँ अधिकांश लोग बंगाली भाषा बोलते हैं। इसके अलावा कुछ लोग तमिल, मलयालम, हिन्दी और तेलगू भी बोलते हैं।
अंडमान में कोकोनट क्रैब(Coconut Crab )🦀 बड़े पैमाने पर पाए जाते है। 1 मीटर लंबे जमीन पर पाए जाने वाले ये सबसे विशाल क्रेब होते हैं। इनका पसंदीदा भोजन कोकोनेट यानी कि नारियल है। यह कोकोनोट क्रैब अपने मजबूत मुंह से नारियल का मजबूत खोल तोड़ देते है।
Volcano यानी कि ज्वालामुखी को भारत में केवल अंडमान में ही देखा जा सकता है। अंडमान में भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है। ये पोर्ट ब्लेयर से 135 किमी दूर हैं। यहाँ आप ज्वालामुखी देख सकते हैं। पूरे भारत में और कहीं भी आपको ज्वालामुखी देखने को नहीं मिलेगा। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और गुजरात से लेकर मिजोरम नागालैंड तक आपको देश में कहीं भी सक्रिय ज्वालामुखी यानी कि वोल्केनो देखने को नहीं मिलेगा।
अंडमान में बटरफ्लाई शानदार दिखेंगी। तितलियों के लिए अंडमान “हैप्पी आईलैंड” है। यहां बहुत सी तितलियां आसपास के उष्णकटिबंधीय आइलैंडों से आती हैं।(Interesting Fact About Andaman Nicobar)
डेनिश (डेनमार्क का निवासी) पहला यूरोपीय था जिसने अंडमान में अपनी कॉलोनी बनाई। 1755 में यह अंडमान पहुंचा। 1789 में, चंथम द्वीप पर पहली बार अंग्रेज अंडमान आए। यहां अंग्रेजों ने एक कॉलोनी और एक मिलिट्री बेस भी बनाया।
अंडमान भारत से अधिक इंडोनेशिया और बर्मा के नजदीक है। इंडोनेशिया से अंडमान 150 किलोमीटर दूर है, जबकि भारत की सीमा 800 किलोमीटर दूर है। इसी दूरी की वजह से बहोत सारे भारतीय इस द्वीप के बारे में ज्यादा जानते नहीं है।
भारत के सीमावर्ती देशों में ज्यादातर हम पाकिस्तान चाइना श्रीलंका बांग्लादेश नेपाल और भूटान को ही जानते हैं मगर मेन मार के साथ-साथ इंडोनेशिया भी हमारा एकदम पड़ोसी वाला देश है। क्योंकि महज 150 किलोमीटर दूर है इंडोनेशिया का बॉर्डर।
हैवलॉक और नील आईलैंड का नाम कैसे पड़ा?(Interesting Fact About Andaman Nicobar)
अंडमान के दो द्वीपों का नाम ईस्ट इंडिया कंपनी के दो कर्मचारियों का है। ये द्वीप हैं हेवलॉक और नील।
जापान की सहायता से सुभाष चंद्र बोस ने अपनी “आजाद हिंद फौज” को मजबूत किया।
इस समय द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था। बोस ने दक्षिणी और उत्तरी द्वीपों को शहीद द्वीप और स्वराज द्वीप नाम दिया।
अंडमान आइलैंड का ९०% हिस्सा जंगली है। यह भारत के हर राज्य से अधिक है।
Cellular jail सेल्यूलर जेल (Interesting Fact About Andaman Nicobar)
1868 में, यहां डेनिश कॉलोनियल रूल का अंत हुआ। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ब्रिटेन ने इसे खरीद लिया था। बाद में अंग्रेजों ने पूरी तरह से आइलैंड को नियंत्रित किया।
अंडमान में अंग्रेजी सरकार ने “कालापानी” की सजा रखी थी। जो भी स्वतंत्र सेनानी ब्रिटिश के खिलाफ जाता था ब्रिटिश सरकार उस स्वतंत्र सेनानी को यहां के जेल में बंद करके काला पानी की सजा देती थी। यह सजा बहुत ज्यादा क्रूर मानी जाती थी क्योंकि यहां पर जो स्वतंत्र सेनानी गए थे उनको बहुत ज्यादा पीड़ा और यातनाएं दी जाती थी। यहां की सेल्युलर जेल आज भी स्वाधीनता संग्राम की कहानी कहती है। इसके बावजूद, यह जेल अब एक राष्ट्रीय स्मारक बन गई है।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान ने भारत का एकमात्र भूमिक्षेत्र अंडमान और निकोबार कब्जा किया था। जापान ने भी भारत के उत्तर पूर्व के कुछ हिस्सों को छीन लिया था, लेकिन यह सिर्फ छह महीने के लिए हुआ था। जापान ने इस आइलैंड को तीन साल तक नियंत्रित रखा। उसके बाद यह आईलैंड ब्रिटिश के हाथ में फिर से आ गया।
हर राज्य का अपना अपना एक राष्ट्रीय प्राणी होता है बिल्कुल वैसे ही डुगोंग अंडमान निकोबार का राष्ट्रीय प्राणी है। यह एक समुद्री जीव है और यह समुद्री जीव अपने जोड़े के साथ रहता है और बहुत ही शर्मीला प्राणी है। इनके पांच ब्रीडिंग सेंटर में से एक अंडमान निकोबार में है।
तो ऐसी ही कुछ अमेजिंग बाते है(Interesting Fact About Andaman Nicobar) अंडमान निकोबार के द्वीप के बारे में।अगर ये बाते आपको अच्छी लगी तो जरूर शेयर कर देना।
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इस द्वीप के बारे में ज्यादा जाने के लिए नीचे वाले लिंक पर क्लिक करके आप और ज्यादा जानकारी प्राप्त कर सकते हैं: नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड एक रहस्यमई पहेली