यह ऐसा द्वीप हैअगर आप उस द्वीप पर जाना चाहे, तो नहीं जा सकते हैं.

यह द्वीप दक्षिण अंडमान जिले के अंतर्गत आता है. लेकिन यहां जाने की किसी को इजाजत नहीं है.

ये द्वीप पोर्ट ब्लेयर से सिर्फ 50 किलोमीटर दूर है

ये लोग छोटे कद होते हैं. रिसर्च के मुताबिक, इनकी बनावट और भाषाई समानताओं के आधार पर जारवा सुमदाय का बताया जाता है.

 साल 1991 में आखिरी बार जनजाति के लोगों ने प्रशासन की टीम से कुछ नारियल लिए थे. इसके बाद से कोई खास संपर्क नहीं हुआ.

आखिरी जनगणना साल 2011 में की गई थी, जिसमें 15 सेंटिनली लोगों खोजे गए थे. इसमें तीन महिला और 12 पुरूष थे

एक अमेरिकी नागरिक ने द्वीप पर जाने की कोशिश की थी, उसको मार दिया गया

हालांकि, अनुमान लगाया जाता है कि इस वक्त द्वीप 40- 400 लोग हो सकते हैं.