Pan AM  73:  मुंबई एयरपोर्ट से पैन एएम एयरलाइंस की फ्लाइट 73 मुंबई एयरपोर्ट से उड़ान भरकर सुबह करीब छह बजे कराची एयरपोर्ट पर लैंड हुई थी. करानी एयरपोर्ट पर फ्लाइट से पैसेंजर्स के उतर ही रहे थे, तभी  प्‍लेन के करीब एक सिक्‍योरिटी वैन पहुंची, जिसमें एयरपोर्ट सिक्‍योरिटी फोर्स की ड्रेस में कुछ लोग मौजूद थे. ये लोग वैन से उतरते ही चारों तरफ गोलियां बरसाने लगे. वहीं पैन एएम एयरलाइंस का क्रू प्‍लेन का डोर बंद करता, इससे पहले हथियारों से लैस लोग प्‍लेन में दाखिल हो गए.

दरअसल, हथियारों के  बल जबरन प्‍लेन में दाखिल होने वाले ये लोग फिलिस्‍तीनी आतंकी थे, जो पैन एएम के एयरक्राफ्ट को हाईजैक करने के इरादे से आए थे. ये सभी हाईजैकर असॉल्ट राइफल्‍स, पिस्‍टल, ग्रेनेड और एक्‍सप्‍लोसिव बेल्ट जैसे हथियारों से लैस थे. ये हाईजैकर फ्लाइट के कॉकपिट तक पहुंच पाते, इससे पहले इस फ्लाइट की क्रू हेड नीरजा भनोट ने हाईजैक मैसेज  पायलट को रिले कर दिया. वहीं मैसेज मिलते ही सभी पायलट ओवरहेड इमरजेंसी हैच के रास्‍ते प्‍लेन से बाहर निकल आए. प्‍लेन से पायलट का इस तरह बाहर निकल जाना हाईजैकर के लिए बड़ी हार थी.

यह भी पढ़ें: पैसेंजर्स पर बरसीं गोलियां, प्‍लेन में फटने लगे ग्रेनेड, एयर होस्टेस कर गई कुछ ऐसा, दुश्मन भी हुआ बहादुरी का कायल… पैन एएम की केबिन क्रू हेड नीरजा भनोट के सामने दो विकल्‍प थे, पहला – वह खुद की जान बचाकर फ्लाइट से बाहर निकल जाए और दूसरा प्‍लेन में फंसे बच्‍चों को बाहर निकालने की कोशिश कर खुद के लिए मुश्किल खड़ी कर ले. ऐसे वक्‍त में नीरजा ने फैसला किया कि… आगे की कहानी जानने के लिए क्लिक करें.

जब नीरजा ने खोल दिए इमरजेंसी डोर
अपनी इस हार से हाइजैकर्स बुरी तरह बौखला गए थे. हाईजैकर्स ने कराची एयरपोर्ट एडमिनिस्‍ट्रेशन से जल्‍द से जल्‍द पायलट भेजने की मांग की. तय समय पर मांग नहीं पूरी होने पर हाईजैकर्स ने पैसेंजर्स को मारना शुरू कर दिया. इसी बीच, प्‍लेन की मेन लाइट बंद हो गई और इरमजेंसी लाइट जलने लगी. लाइट जाने पर हाईजैकर्स को लगा कि यह पाकिस्‍तानी सिक्‍योरिटी एजेंसी की यह कोई चाल है. गुस्‍से में आकर आतंकियों ने गोलियों की बौछार पैसेंजर की तरफ कर दी. साथ ही, हाईजैकर अपने साथ लाए ग्रेनेड पैसेंजर पर फेंकने लगे. पैसेंजर की जान बचाने के लिए नीरजा भनोट ने प्‍लेट की इमरजेंसी डोर खोल दिए.

यह भी पढ़ें: दिल्‍ली आ रहा प्‍लेन ऐसी जगह हुआ लैंड, एयरपोर्ट का नाम सुन मुंह को आया कलेजा, 17 घंटे थरथर कांपते रहे 254 पैसेंज… पल भर में फ्लाइट का माहौल कुछ इस कदर बदला कि दहशत में मारे पैसेंजर्स का पूरा शरीर कांपने लगा. वहीं फ्लाइट की लैंडिंग के बाद जैसे ही पैसेंजर्स की निगाह एयरपोर्ट के नाम पर गई, खौफ के चलते उनका कलेजा मुंह को आ गया. क्‍या है यह पूरा मामला, जानने के लिए क्लिक करें.

आखिरी संदेश सुन फफक पड़ा पूरा देश
सभी पैसेंजर को बाहर निकालने के बाद नीरजा प्‍लेन के डोर की तरफ बढ़ी ही थी, तभी उसकी नजर सीट के नीचे दुबके कुछ बच्‍चों पर गई. यहां पर नीरजा चाहती तो खुद की जान बचाने के लिए फ्लाइट से बाहर निकल जाती, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. बल्कि बच्‍चों को बचाने की कोशिश में खुद के प्राणों की आहूति दे दी. आखरी सांस लेने से पहले नीरजा भनोट ने एक बच्‍चे के जरिए अपना अंतिम संदेश अपनी मां के लिए भेजा था. इस बच्‍चे ने जब नीरजा का आखिरी संदेश उसकी मां को सुनाया तो वहां हर कोई शख्‍स फफक फफक कर रोने लगा. नीरजा भनोट का अपनी मां को आखिरी संदेश था… पुष्‍पा! आई हेट टियर्स…  उल्‍लेखनीय है कि पैन एएम एयरलाइंस के जुड़ा यह मामला 5 सितंबर 1986 का है. दि आप प्‍लेन हाईजैस से जुड़ी अन्‍य खबरें पढ़ना चाहते हैं तो Airport-Diaries पर क्लिक कीजिए.

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