IB Busted Conspiracy: चंद रुपयों के लालच में आकर लोग अपना ही घर बर्बाद करने में लगे हुए हैं. बीते दिनों, दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. इस मामले में एक शख्स ने महज चंद रुपयों के लालच में ‘दुश्मन’ को सीमा पार से न केवल बुलाया, बल्कि अपने ही ‘घर’ में पनाह दे दी. फिर अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए पांच साल का लंबा इंतजार किया. इन पांच सालों के दौरान वह हर काम पूरा किया गया, जो गुनाह के निशानों को हमेशा के लिए धोया जा सके.
दरअसल, इस मामले की शुरूआत 24 परगना (पश्चिम बंगाल) के नारायणपुर से हुई थी. आज से करीब पांच साल पहले नारायणपुर में रहने वाले जॉनी नामक शख्स को एक कॉल आया था. दूसरे तरफ मौजूद शख्स की पूरी बात सुनने के बाद जॉनी ने बंगाली भाषा में सिर्फ इतना कहा था कि ‘सब हो जाएगा’. इसके बाद, वह अपने घर से निकल गया और कुछ दिनों बाद वह 20 से 21 साल के एक युवक के साथ घर वापस आया. जॉनी के साथ आया यह युवक भारतीय मूल का नहीं, बल्कि… जिसे वह गैरकानूनी तरीके से सीमा पार कराकर अपने साथ लाया था.
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इस युवक के रहने का इंतजाम करने के बाद जॉनी उस काम में जुट गया, जिसके लिए यह युवक नारायणपुर आया था. अपनी साजिश को अंतिम रूप देने के लिए जॉनी और यह युवक लगातार पांच साल तक काम करते रहे. इन पांच सालों में इस युवक ने नया भेष और नई पहचान भी हासिल कर ली थी. नई पहचान मिलने के बाद यह युवक हुगली (पश्चिम बंगाल) के रथतला में रहने वाला जयनपाल बन चुका था. अब चयनपाल के पास न केवल भारत का जन्म प्रमाण पत्र था, बल्कि उसके पास यहां का वोटर आईकार्ड, राशन कार्ड, आधार कार्ड भी था. इन्हीं दस्तावेजों और जॉनी की मदद से उसने अब भारतीय पासपोर्ट भी हासिल कर लिया था.
जॉनी को इस पूरे काम के एवज में इस युवक से सिर्फ एक लाख रुपए मिले थे. अब साजिश के दूसरे चरण को अंजाम दिया जाना था. इसके लिए, जॉनी ने सैमुअल से बातचीत की. सैमुअल वैसे तो पश्चिम बंगाल के अशोक नगर का रहने वाला है, लेकिन वह बीते कुछ सालों से बेंगलुरु में रह रहा था. सैमुअल की जिम्मेदारी इस युवक के पासपोर्ट पर रूस का वीजा लगवाना था. महज 60 हजार रुपए में सैमुअल ने रूस के फर्जी वीजा का इंतजाम कर दिया. वीजा का इंतजाम होने के बाद यह युवक आईजीआई एयरपोर्ट पहुंच गया.
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आईजीआई एयरपोर्ट से इस युवक को फ्लाइट संख्या HY-424 से ताशकंद (उज्बेकिस्तान) होते हुए सेंट पीटर्सबर्ग (रूस) के लिए रवाना होना था. लेकिन, ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के काउंटर पर जैसे ही उसकी निगाहें इमिग्रेशन अफसर से मिली, पूरी साजिश का पर्दाफाश हो गया और सच्चाई सबके सामने आ खड़ी हुई. सिर्फ दो सवालों के बाद इमिग्रेशन अफसर को पता चल गया कि चयनपाल बनकर रूस जा रहा यह शख्स भारतीय नहीं, बल्कि बांग्लादेशी है. शक के आधार पर पूछताछ हुई और यही सच सबके सामने था.
जिसके बाद, इस बांग्लादेश नागरिक को हिरासत में लेकर आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया गया. आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने इस शख्स की पहचान चितगांव (बांग्लादेश) के बोरहाटिया कोसानगर पारा निवासी टीटू बरुआ के रूप में की है. आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने टीटू बरुआ की निशानदेही पर जॉनी और सैमुअल को भी गिरफ्तार कर लिया है.