रिपोर्ट- काजल मनोहर

जयपुर: राजस्थान राजधानी जयपुर किले, महल और स्मारकों के साथ ही अब वाइल्ड लाइफ के क्षेत्र में भी अपनी अलग पहचान बना रहा है. जयपुर देश की पहली जगह कही जा सकता है जहां लेपर्ड, लॉयन, हाथी और टाइगर सफारी एक साथ देखने को मिलते हैं. दुनिया भर के विदेशी पर्यटक इन्हें देखने के लिए यहां आते हैं. लेपर्ड, लॉयन और टाइगर सफारी के कारण भी जयपुर में दिनों दिन पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है.

आपको बता दें कि जयपुर के झालाना और आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व में पर्यटकों को लेपर्ड सफारी का रोमांच मिलता है. वहीं लॉयन सफारी में प्योर एशियाटिक शेर देखने को मिलते हैं. आमेर महल और हाथी गांव में पर्यटकों को गजराज की सवारी करने का मौका मिलता है. इसके अलावा अब नाहरगढ़ में भी टाइगर सफारी की शुरुआत हो चुकी है. अब पर्यटक टाइगर सफारी का भी आनंद ले सकेंगे.

लेपर्ड सफारी के लिए झालाना सबसे बेस्ट
जयपुर शहर के बीचों-बीच स्थित झालाना लेपर्ड रिजर्व में पर्यटकों को बघेरे, जरख और नीलगाय सहित अन्य वन्यजीव देखने को मिलते हैं. यहां देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक बघेरों को देखने आते हैं. पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार यहां दो साल (2022-23 और 2023-24) के दौरान 84 हजार 020 पर्यटकों ने सफारी का लुत्फ उठाया था.

प्योर एशियाटिक लॉयन देखने को मिलते हैं
राजस्थान में जयपुर ऐसा पहला शहर है, जहां पर्यटकों को लॉयन सफारी के दौरान प्योर एशियाटिक लॉयन देखने को मिलते हैं. पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार यहां दो साल (2022-23 और 2023-24) के दौरान 33 हजार 284 पर्यटकों ने शेरनी तारा और सृष्टि को देखा.

आमागढ़ में लेपर्ड दिखते हैं
जयपुर में पर्यटकों को दो जगह लेपर्ड सफारी करने का मौका मिलता है. झालाना के बाद आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व में भी पर्यटकों को बघेरों के दीदार होते हैं. दो साल (2022-23 और 2023-24) के दौरान 20 हजार 890 पर्यटकों ने आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व विजिट की है.

गजराज की सवारी के प्रति अधिक आकर्षण
वन विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार जयपुर आने वाले पर्यटकों में सबसे अधिक हाथी सवारी के प्रति रुचि देखने को मिली है. हाथी गांव में दो साल (2022-23 और 2023-24) के दौरान 1 लाख 91 हजार 948 देशी और विदेशी पर्यटकों ने हाथी सवारी का लुत्फ उठाया है.

बायोलॉजिकल पार्क आए 7,79,692 पर्यटक
जयपुर में संचालित विभिन्न सफारियों से अलग नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क की बात की जाए तो यहां दो सालों (साल 2022-23 और 2023-24) के दौरान आने वाले पर्यटकों की संख्या 7 लाख 79 हजार 692 रही. यहां पर्यटकों को शेर, बघेरे, बाघ, भालू और हाइना सहित अन्य वन्यजीव देखने का मौका मिलता है.

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