विश्वजीत सिंह/मुंबई: संजय गांधी नेशनल पार्क महाराष्ट्र के प्रमुख पर्यटन स्थानों और राष्ट्रीय उधानो में से एक है. यह पार्क पिकनिक और वीकेंड के लिए आदर्श स्थान है. इस एक अकेली जगह पर आपको तालाब, जंगल और पहाड़, तीनों को घूमने का आनंद मिल जाएगा. यह जगह सिर्फ घूमने लिए ही नहीं मशहूर है, असल में इस जगह का नाता इतिहास से है. यहां मौजूद है कन्हेरी की गुफाएं. यह पार्क 104 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करता है.

पार्क में मौजूद हैं 2 हजार साल पुरानी गुफाएं
कन्हेरी की गुफाओं में कुल 100 नव गुफाएं हैं. इनमें से कुछ में बौद्ध मूर्तियां और राहत नक्काशी, पेंटिंग और शिलालेख हैं, जो पहली शताब्दी ई.पू. से लेकर 10वीं शताब्दी ई.पू. तक के हैं. यहां की कुछ गुफाओं की दीवारों पर 9वीं या 10वीं सदी का एक शिलालेख भी है.

इस जगह आपको पहाड़ को काट कर बनाई गई सीढ़ियां भी देखने मिलेगी जो उस समय के कारीगरी को दर्शाती है. गुफा संख्या 1 असल में एक विहार है, जो की एक बौद्ध मठ है. इस गुफा में दो मंजिलें हैं, लेकिन इसका निर्माण कभी पूरा नहीं हुआ.

पार्क में है अनेकों जानवरों का घर
यह पार्क अपने सदाबहार घने जंगलों, पक्षियों की आबादी, तितलियों और बाघों की छोटी आबादी के लिए जाना जाता है. संजय गांधी नेशनल पार्क की यात्रा में तेंदुए, मैकाक, बोअर्स, लायंस, फ्लाइंग फॉक्स, किंगफिशर, बर्ड्स और तितलियों की विभिन्न प्रजातियों को देखा जा सकता हैं. इसके अलावा पार्क के अन्दर स्थित लगभग 2000 हजार साल पुरानी कान्हेरी गुफाएं भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.

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