Crime News: पंजाब के कोटराझा में रहने वाले इस युवक ने मसा-मसा जिंदगी की ढाई दहाइयां ही पार की थीं. दोस्तों की अमीरी देख अब उसका मन किसी भी कीमत में अमीर बनने का करने लगा था. शानोशौकत बटोरने की चाहत में वह ऐसे लोगों की चंगुल आ फंसा था, जिन्होंने पहले उससे उसके परिवार की जिंदगी भर की कमाई हड़पी, और फिर उसे नापाक मंसूबे के तहत इस्तांबुल (टर्की) भेज दिया. असल मकसद को अंजाम देने के लिए वह इस्तांबुल से मास्को पहुंचता, इससे पहले वह एयरपोर्ट सिक्योरिटी के हत्थे चढ़ गया. इसके बाद, उसका हश्र कुछ ऐसा हुआ, जिसको जान घर वाले अंदर तक कांप गए.
दरअसल, टर्की में बेटे के पकड़े जाने की खबर ने इस शख्स के घरवालों दोहरी मार दी थी. पहली मार बेटे के सलाखों में पहुंचने की खबर थी, वह चाह कर भी अपने बेटे की मदद के लिए विदेश नहीं जा सकते थे. वहीं दूसरी मार तीस लाख रुपए की थी, जिसे उन्होंने अपनी घर-जमीन गिरवी रखकर हासिल किया था. गनीमत बस इतनी रही कि लंबी पूछताछ के बाद इस्तांबुल एयरपोर्ट की सिक्योरिटी ने इस युवक को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट डिपोर्ट करने का फैसला कर लिया. और फिर, उसे टर्किश एयरलाइंस की फ्लाइट TK-716 से आईजीआई एयरपोर्ट के लिए डिपोर्ट कर दिया गया.
यह भी पढ़ें: एक हफ्ते तक एयरपोर्ट में छिपा रहा वह, सोती रह गईं तमाम सुरक्षा एजेंसियां, जब सामने आई पूरी साजिश, उड़े सबके होश… बोलिविया जाने के लिए एयरपोर्ट पहुंचा एक शख्स करीब एक सप्ताह तक टर्मिनल के ट्रांजिट एरिया में छिपा रहा. इस एक सप्ताह के दौरान एयरपोर्ट पर तैनात सुरक्षा एजेंसियों को इस शख्स के बारे में भनक तक नहीं लगी. वहीं इस शख्स की पूरी साजिश के खुलासे के बाद पूरे एयरपोर्ट पर हड़कंप मच गया. क्या है यह पूरा मामला, जानने के लिए क्लिक करें.
पासपोर्ट के पेज नंबर 14 से मिला सुराग
डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचते ही ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने इस युवक को अपनी हिरासत में ले लिया. इस युवक की पहचान परविंदर सिंह के रूप में हुई. वह मूल रूप से पंजाब के शहीद भगत सिंह नगर के अंतर्गत आने वाले कोटरांझा (नवाशहर) का रहने वाला है. ट्रैवल डॉक्यूमेंट की पड़ताल में पता चला कि उसके पासपोर्ट के पेज नंबर 14 पर लगा मैक्सिकन वीजा फर्जी है. इसी फर्जी वीजा की वजह से उसे इस्तांबुल एयरपोर्ट के डिपोर्ट कर दिया गया था. पूरा मामला सामने आने के बाद ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने परविंदर को आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया.
यह भी पढ़ें: आईजीआई एयरपोर्ट पर मिले 4 बैग, भरा था… देखते ही फटी रह गईं सबकी आंखे, मचा हड़कंप… आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल थ्री में चार ऐसे बैग मिले हैं, जिसमें पूरी तरह से संदिग्ध सामान भरा हुआ था. जांच के लिए जब इन बैग्स को खोला गया तो उसके भीतर भरे सामान को देखकर हर किसी की आंखें फटी की फटी रह गईं. क्या है पूरा मामला, जानने के लिए क्लिक करें.
पुलिस की पूछताछ में हुआ यह खुलासा
पूछताछ के दौरान, आरोपी परविंदर ने पुलिस को बताया कि एक-एक कर उसके तमाम दोस्त नकेवल विदेश चले गए, बल्कि आज वहां बेहतर जिंदगी जी रहे हैं. वह भी अपने दोस्तों की तरफ विदेश जाकर बेहतर जिंदगी जीना चाह रहा था. इस मकसद को पूरा करने के लिए अपने एक दोस्त के जरिए सनी नामक एक एजेंट तक पहुंच गया. सनी ने भरोसा दिलाया कि वह 30 लाख रुपए के एवज में उसे न केवल अमेरिका पहुंचा देगा, बल्कि उसे वहां नौकरी भी दिला देगा. रुपए मिलते ही सनी ने परविंदर के पासपोर्ट में मैक्सिकन वीजा लगवा दिया. साजिश के तहत परविंदर को इस्तांबुल होते हुए मेक्सिको पहुंचना था.
यह भी पढ़ें: चप्पल पहन पहुंचा एयरपोर्ट, तो साहब को आ गया इतना गुस्सा, सबके सामने खुलवा दिए कपड़े, और फिर… आईजीआई एयरपोर्ट पर हुए इस मामले में दुबई से आया एक पैसेंजर के हावभाव और पहनावे को देखकर एयर इंटेलिजेंस यूनिट के अफसरों का माथा ठनक गया. इसके बाद, जांच में कुछ ऐसा सामने आया, जिसे देख वहां मौजूद सभी लोग सन्न रह गए. क्या था पूरा मामला, जानने के लिए क्लिक करें.
अब सनी का साथी पहुंचा सलाखों के पीछे
डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, मामले के खुलासे के बाद आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने परविंदर, सनी सहित इस मामले से जुड़े आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4)/336(3)/340(2) और 12 पासपोर्ट एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर ली. अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसएचओ इंस्पेक्टर सुशील गोयल के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया, जिसमें एसआई अशोक यादव और हेड कांस्टेबल विश्वजीत भी शामिल थी. परविंदर की निशानदेही पर पुलिस ने सनी के साथी लुकेश कुमार उर्फ लकी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में शामिल अन्य लोगों की तलाश जारी है.
Tags: Airport Diaries, Crime News, Delhi airport, Delhi news, Delhi police, IGI airport
FIRST PUBLISHED : November 5, 2024, 17:17 IST