85 लैंबॉर्गिनी कारों के साथ ऋषिकेश पहुंचे थे पर्यटक, ये था उद्देश्य

रिपोर्ट- इशा बिरोरिया

ऋषिकेश: लैंबॉर्गिनी GIRO ग्राहक ड्राइव और अनुभव कार्यक्रम का आखिरी दिन था. यह कार्यक्रम 26 सितंबर से शुरू हुआ था और 29 सितंबर इसका आखिरी दिन था. इस दौरान लैंबॉर्गिनी के इस ड्राइव और अनुभव कार्यक्रम में शामिल पर्यटक 27 सितंबर, 2024 को विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर ऋषिकेश पहुंचे थे. वहां उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने पर्यटकों के समूह का गर्मजोशी से स्वागत किया था. यह समूह 85 लैंबॉर्गिनी कारों के काफिले के साथ आया था. ये सभी पर्यटक लैंबॉर्गिनी GIRO ग्राहक ड्राइव और अनुभव कार्यक्रम में भाग ले रहे थे. इस काफिले में प्रमुख कारें और बैकअप वाहन शामिल थे जो दिल्ली से ऋषिकेश, मसूरी और हरिद्वार तक यात्रा कर रहे थे.

विश्व पर्यटन दिवस पर 85 लैंबॉर्गिनी कारों का काफिला
29 सितंबर यानी आज के दिन लैंबॉर्गिनी के मालिकों को मसूरी के सुंदर प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेने का दिन था. मंत्री महाराज ने पर्यटकों का स्वागत करते हुए खुशी जाहिर करते हुए इसे उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, स्वादिष्ट व्यंजन और उत्कृष्ट हस्तशिल्प का अनुभव करने का एक सुनहरा अवसर बताया था. लैंबॉर्गिनी GIRO कार्यक्रम का उद्देश्य कार मालिकों के लिए अनोखे अनुभवों का आयोजन करना है, ताकि वे भारत के विभिन्न हिस्सों से आकर देश की सुंदरता का आनंद ले सकें. ऋषिकेश, मसूरी और हरिद्वार जैसे पर्यटन स्थलों की सुंदरता को दिखाना इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य है.

इस तरह के कार्यक्रम राज्य के पर्यटन को बढ़ावा देते हैं और पर्यटकों को यहां की खूबसूरती और सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराते हैं. यह कार्यक्रम उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ यहां की स्थानीय विशेषताओं को भी उजागर करता है, जो देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करती हैं.

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ऐसे कार्यक्रमों से वो युवा भी मसूरी घूमने के लिए प्रेरित होंगे जो लोग कुछ खास बाइक्स या चार पहिया वाहनों का ग्रुप बनाकर घूमने और सैर करने निकलते हैं. इससे राज्य के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और वहां रोजगार बढ़ेगा.

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