6 करोड़ मीटर धागा, 12 साल की मेहनत…हाथ से बनाया फूलों का बगीचा

ऊटी के नीलगिरि जिले में बोट हाउस के सामने स्थित थ्रेड गार्डन अपने अनोखे अंदाज़ में पर्यटकों को आकर्षित करता है. इस गार्डन में हाथ से तैयार किए गए कृत्रिम फूलों, पौधों और अन्य संरचनाओं का अद्भुत संग्रह है, जिसे प्राकृतिक सुंदरता की तरह ही सजाया गया है. इस थ्रेड गार्डन का निर्माण लगभग 20 वर्षों की कड़ी मेहनत से किया गया है. 1988 में प्रोफेसर एंटनी जोसेफ के नेतृत्व में 50 महिलाओं की एक टीम ने इन फूलों को तैयार किया, जिसमें किसी भी मशीन या सुई का उपयोग नहीं किया गया. हर फूल और पत्ती धागे से हाथ से बुनी गई है, जो इस कला को बेहद खास बनाती है.

ऊटी यार्न गार्डन का अद्वितीय संग्रह
ऊटी यार्न गार्डन में कृत्रिम फूलों और पौधों का शानदार संग्रह है. यह सब एंथनी जोसेफ और उनकी 50 लोगों की टीम के 12 वर्षों के प्रयास का परिणाम है. उन्होंने एक अनोखा ‘फोर डायमेंशनल हैंड एम्ब्रायडरी’ तकनीक का प्रयोग किया, जिसमें नंगी उंगलियों का इस्तेमाल कर ये अद्भुत कृतियाँ बनाई गईं. इस बगीचे को बनाने में लगभग 6 करोड़ मीटर कढ़ाई के धागे का इस्तेमाल किया गया है. शुरुआत में यह गार्डन केरल के मालमपुझा में स्थित था, लेकिन 2002 में इसे ऊटी बोट हाउस के सामने स्थानांतरित किया गया. यहां पर पर्यटकों को 350 प्रकार के खूबसूरत कृत्रिम फूल देखने को मिलते हैं.

अनोखी सामग्री और सजावट
इस खूबसूरत नज़ारे को बनाने में कार्डबोर्ड, स्टील और तांबे के तार का इस्तेमाल किया गया. धागों को विभिन्न रंगों में लपेटकर फूलों की पंखुड़ियां बनाई गईं. इस अनोखे निर्माण को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, तमिलनाडु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज किया गया है.

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पर्यटकों के लिए ख़ास आकर्षण
ऊटी का यह थ्रेड गार्डन सिर्फ देखने के लिए नहीं, बल्कि खरीदने के लिए भी है. यहां से पर्यटक ये अद्भुत हस्तशिल्प अपने घर ले जा सकते हैं. गार्डन में काम करने वाले प्रदीप ने बताया कि इस गार्डन को बनाने में 50 महिलाओं की खास मेहनत लगी है और इसे बनाने में 12 साल का समय लगा. यहां वयस्कों के लिए 30 रुपये और बच्चों के लिए 20 रुपये का प्रवेश शुल्क है.

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