Delhi Airport: अपने तमाम सपनों को साकार करने के लिए फतेह सिंह ने 2002 में लंदन का रुख कर लिया था. बीते इन दो दशकों में फतेह को अपनी मिट्टी की याद भी आती और अपनों से मिलने का मन भी करता. लेकिन, लंदन जाने से पहले वह अपना एक ऐसा अतीत भारत में छोड़ गया था, जिसकी वजह से वह वापस आने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था. करीब 22 साल बीत जाने के बाद उसे लगा कि बीती बातों पर समय की मोटी परत चढ़ चुकी होगी और उसके बारे में किसी को कुछ याद नहीं होगा. लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल परे थी. भारत में कोई ऐसा था, जो दो दशक बीत जाने के बाद भी फतेह का बेसब्री से इंतजार कर रहा था.
उम्र के 71वें साल पर खड़े फतेह सिंह ने तमाम किंतु-परंतु और आशंकाओं के बीच भारत आने का फैसला कर लिया और 22 अगस्त को एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-166 से दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए. अगले दिन यानी 23 अगस्त की सुबह करीब 10:35 बजे फतेह की फ्लाइट आईजीआई एयरपोर्ट पर लैंड हो चुकी थी. कुछ मिनटों के इंतजार के बाद वह ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के काउंटर पर अपने पासपोर्ट और वीजा की जांच के लिए खड़े हुए थे. जांच के दौरान, जैसे ही पासपोर्ट को प्राइड सॉफ्टवेयर में स्वैप किया, तभी इमिग्रेशन ऑफिसर की आंखे चौड़ी हो गईं.
प्राइड ने किया फतेह के अतीत का खुलासा
दरअसल, इमिग्रेशन के सॉफ्टवेयर ‘प्राइड’ में फतेह सिंह के पासपोर्ट की ट्रैवल हिस्ट्री ब्लैंक दिख रही थी. इसके बाद, फतेह सिंह से पूछताछ का सिलसिला शुरू हो गया. पूछताछ शुरू होते ही इमिग्रेशन अफसर को समझ आ गया कि जिस ‘धोखेबाज’ फतेह सिंह का एजेंसी 22 सालों से इंतजार कर रही थी, आज वह पूरा होने वाला है. पूछताछ में फतेह सिंह ने मान लिया कि 2002 में वह धोखाधड़ी कर लंदन पहुंचने में कामयाब हो गया था. लंदन पहुंचने के लिए उसने किसी दूसरे शख्स के पासपोर्ट का इस्तेमाल किया था. ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के लिए फतेह सिंह का इतना कबूलनामा ही काफी थी.
कैथल से गिरफ्तार हुआ फतेह का मददगार
ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने बिना देरी किए फतेह सिंह को हिरासत में ले लिया और आगे की जांच के लिए आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया. वहीं, एयरपोर्ट पुलिस ने आरोपी फतेह सिंह के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 319(2) और 318(2) के तहत मामला दर्ज गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान फतेह सिंह ने पुलिस के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे किए. उसने पुलिस को कुछ ऐसे नाम भी बताए, जिनकी मदद से उसे दूसरे शख्स का पासपोर्ट मिला और उन्होंने उसकी लंदन भेजने में मदद की. इस खुलासे के बाद इंस्पेक्टर सुमित के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने हरियाणा के कैथल से सुखदेव सिंह नामक शख्स को गिरफ्तार किया है.