हम आपको दुनिया के उस जानलेवा पहाड़ के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां चढ़ाई करने के बाद पर्वतारोहियों की मौत हो जाती है। बता दें, एवरेस्ट की तुलना में इस पहाड़ पर सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। हालांकि अभी तक कोई पता नहीं लगा पाया है, कि आखिर ऐसा हो क्यों रहा है।
जीवन चलाने के लिए पहाड़ों का होना जरूरी है, क्योंकि पहाड़ों से ही नदियां निकलती है। जिसकी मदद से खेती, बिजली तैयार की जा रही है। मानव जीवन के लिए पहाड़ जितना उपयोगी है, उतना ही खतरनाक। आज हम बताएंगे उस पहाड़ के बारे में, जिसे दुनिया के सबसे खतरनाक पहाड़ों की लिस्ट में सबसे ऊपर रखा गया है। पर्वतारोहियों का कहना है कि जो भी इस पर पहाड़ पर चढ़ाई करते हैं, वो जिंदा वापस लौट कर नहीं आते। आइए जानते हैं इस पहाड़ के रहस्य के बारे में। (सभी सांकेतिक फोटो:
क्या है इस पहाड़ का नाम
हम बात कर रहे हैं, मोंट ब्लांक पर्वत श्रृंखला की, जो फ्रांस, इटली और स्विटजरलैंड के कुछ हिस्सों में फैली हुई है। पहाड़ के आस-पास रहने वाले स्थानिय लोगों का कहना है कि, इस पहाड़ पर चढ़ना मौत को बुलावे देने जैसा है। जो भी यहां चढ़ाई करता है, वो जिंदा वापस नहीं लौटता। हालांकि आज भी पर्वतारोही यहां खुशी- खुशी चढ़ना पसंद करते हैं।
क्या है पहाड़ का रहस्य, जिसके कारण होती है मौतें
मोंट ब्लैंक पर्वत श्रृंखला देखने में बेहद खूबसूरत है। हर साल यहां टूरिस्ट देखने आते हैं। ये एक काफी फेमस टूरिस्ट प्लेस भी है। कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह आल्प्स और पश्चिमी यूरोप की सबसे ऊंची चोटी है, मोंट ब्लैंक पर्वत श्रृंखला लगभग 4,809 मीटर (15,780 फीट) ऊंचा है। ये पहाड़ पूरे साल बर्फ से ढका रहता है, ऐसे में यहां चढ़ाई करना बच्चों का खेल नहीं है, जो यहां जाने कि कोशिश करते हैं, उनकी एक चूक उन्हें मौत के मुंह में पहुंचा देती है।
क्या एवरेस्ट से खतरनाक है ये पहाड़
रिपोर्ट्स के अनुसार, 1990 के दशक की शुरुआत से दुनिया की सबसे ऊंची चोटी, माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का प्रयास करते समय अनुमानित 310 लोगों की मौत हो गई है। इस बीच, मोंट ब्लैंक पर्वत श्रृंखला की ऊंचाई एवरेस्ट की तुलना में आधी से थोड़ी कम (4,809 मीटर और माउंट एवरेस्ट 8,848 मीटर) है, लेकिन यहां मरने वालों लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है। बता दें, अब तक करीबन 6,000 से अधिक लोग मारे गए हैं।
कहां चूक रहे हैं लोग
मोंट ब्लैंक दुनिया का सबसे खतरनाक पहाड़ है। ये तो हमने आपको बता दिया, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक पृष्टि नहीं की गई है, कि यहां पर मौत इतनी अधिक संख्या में क्यों हो रही है। लोगों का मानना है कि मौत की वजह पहाड़ नहीं है, बल्कि गैर-जिम्मेदार टूरिस्ट है। जो बिना किसी सुरक्षा पैमाने को ध्यान में रखते हुए पहाड़ पर चढ़ाई करने चले जाते हैं।
हर साल जाती है लगभग 100 लोगों की जान
हर साल औसतन 20,000 पर्वतारोही मोंट ब्लैंक पर चढ़ते हैं , जिससे यह यूरोप के सबसे फेमस पहाड़ों में से एक बन गया है। हालांकि हर साल ये पहाड़ लगभग 100 लोगों की जान लेता है। इस पहाड़ पर पहली बार 1786 में चढ़ाई की गई थी जब पर्वतारोही जैक्स बालमेट और डॉक्टर मिशेल पैकार्ड इसी चोटी पर पहुंचे थे। इसके बाद 1808 में पहली महिला इसके शिखर पर पहुंची थी।
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