नॉर्थ ईस्ट में जो 7 मुख्य राज्य है उसमें से एक राज्य है मेघालय (meghalay)। मेघालय की खूबसूरती के बारे में क्या कहा जाए, वहां की हरी-भरी पहाड़ियों को हमेशा सफेद सफेद बादल घेरे हुए रहते है। ऐसा लगता है कि पहाड़ों ने बादलों की चादर को ओढ के रखी है।
Meghalay Scotland of India स्कॉटलैंड ऑफ इंडिया
![Shilong Meghalay](https://i0.wp.com/travelingmit.com/wp-content/uploads/2023/07/ahe-phucho-efHF1ohzOFw-unsplash.jpg?resize=1024%2C683&ssl=1)
हरी-भरी गहरी खाईयां, जबरदस्त धुआंधार बारिश की वजह से बहने वाले सुंदर झरने और आसमान में सफेद सफेद बादल इन सब का आनंद लेते हुए एक पहाड़ से दूसरे पहाड़ कब पहुंच जाए पता ही नहीं चलता। यहां के माहौल में घूमते हुए आपको बिल्कुल भी थकान महसूस नहीं होती है। मन और दिल हमेशा ताजगीभरा ही रहता है। यहां के पहाड़ , यहां की बादलों की धुंध, और हरियाली इन सभी को देख कर इस इलाके को स्कॉटलैंड कहा जाता है।
जब भारत के ऊपर ब्रिटिश लोगों का राज था तब ब्रिटिश लोग यानी कि अंग्रेज लोग इस इलाके को यानि मेघालय को स्कॉटलैंड ऑफ़ इंडिया कहा करते थे।
चेरापूंजी ( Highest Rainfall In Meghalay)
![cherapunji highest rainfall](https://i0.wp.com/travelingmit.com/wp-content/uploads/2023/07/maria-teneva-j5veh3VhzDs-unsplash.jpg?resize=683%2C1024&ssl=1)
पूरे विश्व में सबसे ज्यादा बारिश होने वाला शहर अगर कहां पर है तो वह है मेघालय(meghalay) में चेरापूंजी। अब इस शहर को सोहरा नाम से भी जाना जाता है। सोहरा नाम मेघालय की भाषा में होता है।मेघालय की दक्षिण दिशा में मौजूद है, बंगाल का उपसागर। वहां से बारिश लेकर आने वाली हवाएं यहां चेरापूंजी के ऊंचे ऊंचे पहाड़ों से टकरा जाती है। खांसी इलाके के ये पहाड़ इतने ऊंचे हैं कि लगभग इसी समुद्री हवा को वो 1300 मीटर की ऊंचाई पर वो ले जाते है। वहां ज्यादा ठंडक होने की वजह से बारिश वाले बादल तैयार हो जाते हैं और वहां पर जबरदस्त विश्व की सबसे तेज और धुआंधार बरसात होती है। बचपन से ही हमने स्कूल में इसके बारे में पड़ा है मगर असलियत में इस जगह को देख पाना अपने आप में एक बहुत ही खास अनुभव होता है।
Unique Living Root bridge:(लिविंग रूट ब्रिज meghalay)
![Living Root Bridge Meghalay](https://i0.wp.com/travelingmit.com/wp-content/uploads/2023/07/gettyimages-521360212-612x612-1.jpg?resize=612%2C407&ssl=1)
मेघालय (meghalay)में और एक खास आकर्षण है और वह है लिविंग रूट ब्रिज। जी हां पेड़ों के रूट्स आपस में इतने उलझे हुए हैं कि उसकी वजह से एक जड़ों का ब्रिज तैयार हो चुका है और ये बिल्कुल नेचुरल ब्रिज है। वहां के लोकल और आदिवासी लोग इस ब्रिज का उपयोग एक तरफ से दूसरी तरफ जाने के लिए करते रहते हैं। ऐसे ब्रिज बनने के लिए लगभग 10 या 15 साल लगते हैं और उसके बावजूद भी यह बढ़ते रहते हैं और काफी ज्यादा मजबूत होते हैं। कुछ ब्रिज को 100 साल के ऊपर भी हो चुका है मेघालय के जंगल में बहुत सारे छोटे मोटे नदी नालों के ऊपर ऐसे ब्रिज तैयार हो चुके हैं कई जगह पर एक के ऊपर एक ऐसे डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज तैयार हो चुके हैं।यह बहुत ही खास और आकर्षक चीज है जो आप देखना बिल्कुल पसंद करोगे।
वॉटरफॉल्स ऑफ मेघालय ( meghalay waterfalls)
मेघालय (meghalay)में बहुत अधिक बारिश होती है इसलिए पर्यटक कई झरनो की सुंदरता का आनंद लेते हैं। Nohkalikai Falls , एलिफेंट फॉल्स , 7 सिस्टर फॉल्स पर्यटकों के लिए अवश्य घूमने योग्य स्थान है। चेरापूंजी में नोकालीखाई झरना भारत का सबसे ऊंचा झरना है जो 1115 मीटर की ऊंचाई से गिरता है ।झरने के तल पर चट्टान के बनने से एक बड़ा तालाब बन गया है और इसका पानी भरा है वहां की चट्टान में मौजूद पदार्थों के कारण हरा रंग दिखाई देता है अक्सर बादलों के कारण या झरना पूरा दिखाई नहीं देता है।
अगर आप भाग्यशाली हो तो यह झरना आपको पूरी तरह से साफ साफ दिखाई देगा। क्योंकि वहां पर बहुत ज्यादा बादल होते हैं इसकी वजह से उसने को पूरा देख पाना बहुत ज्यादा मुश्किल होता है। मेघालय (meghalay)का एक और झरना एलिफेंट फॉल्स जोकि एक बहुत ही शानदार झरना है ।यह झरना मेघालय (meghalay)की राजधानी शिलांग से सिर्फ 12 किलोमीटर की दूरी पर है ।झरने के एक तरफ हाथी के आकार की चट्टान के कारण अंग्रेजों ने इसका नाम एलीफेंट फाल्स रखा लेकिन 1897 में भूकंप में चट्टान टूट गई और वह टुकड़े-टुकड़े होकर बह गया
![waterfalls of meghalaya](https://i0.wp.com/travelingmit.com/wp-content/uploads/2023/07/chirayu-sharma-fNnpZSdqLoY-unsplash.jpg?resize=683%2C1024&ssl=1)
अब इस झरने को 3 स्टेप्स वाटरफॉल भी कहा जाता है । झरने से 2 सीढ़ियां ऊपर दिखाएं नहीं देती क्योंकि वह घनी झाड़ियों में है लेकिन पर्यटकों को तीसरी सीढ़ी देखने को मिलती है । इस झरने तक पहुंचने के लिए किनारे पर सीढ़ियां बनी हुई है इसलिए पर्यटन झरने के पास जाकर अपने शरीर पर पानी आनंद ले सकते हैं सफेद दूधिया जगदार पानी काली चट्टानों के ऊपर से गिरता है और बहुत ही देखने में खूबसूरत लगता है।
दूसरा बड़ा झरना है सेवन सिस्टर फॉल्स जो कि मॉस्माई गांव से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर है।
315 मीटर की ऊंचाई से सात अलग-अलग स्थानों से पानी गिरता है और लगभग सभी जगह एकदम खास और आकर्षक दिखती है। वहां के लोगों का कहना है कि 7 जगहों से पानी गिरता है वह सात पूर्वी राज्यों का प्रतीक है इसीलिए विशेष सेवेन सिस्टर्स फॉल्स भी कहते हैं केवल वर्षा ऋतु में ही सातों स्थानों से पानी गिरता है और बादल उसके ऊपर से गुजरते हैं इसलिए जून से सितंबर तक इस झरने को देखने में ज्यादा मजा आता है।
Mawsmai Cave(रहस्यमई गुफाएं meghalay)
![mawsmai caves meghalay](https://i0.wp.com/travelingmit.com/wp-content/uploads/2023/07/nicolas-houdayer-cLs3GLiP5wo-unsplash.jpg?resize=1024%2C743&ssl=1)
मौसमाई गांव के पास पानी में चूना पत्थर के खुलने से बनी गुफाएं हैं ।इन्हें मॉस्माई गुफाएं भी कहा जाता है गुफाओं का प्रवेश द्वार बहुत ही संकरा और छोटा है। वहां से प्रवेश करने के बाद पानी टपकता हुआ आपको दिखाई देता है ।उसके कारण नीचे की ओर यानी छत से फर्श तक आपको अनेक पत्थर की स्तंभ बने हुए दिखाई देंगे।
गुफा का मध्य भाग अत्यंत अंधेरा में है लेकिन जैसी टॉर्च या मोबाइल फोन चमकता है वह चुना पत्थर क्रिस्टल की तरह चमकते हैं चूना पत्थर पर पानी के रासायनिक प्रक्रिया के कारण गुफा में गुलाबी पीले रंग की विभिन्न आकृतियां देखी जा सकती है।
Mawlynnong Village of meghalay – एशिया का सबसे स्वच्छ गांव
![indias cleanest villages](https://i0.wp.com/travelingmit.com/wp-content/uploads/2023/07/boudewijn-boer-eX1s8F9AjeM-unsplash.jpg?resize=1024%2C683&ssl=1)
खांसी पहाड़ियों के बीच मावलोंग गांव हैं जो कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है, एशिया का सबसे क्लीन स्वच्छ गांव के नाम से। उसकी वजह से पूरे विश्व भर से लोग इस गांव को देखने के लिए आ जाते हैं इस गांव में जो भी गीला कचरा है वह बांबू से बनी हुई टोकरी में जमा किया जाता है और उसे प्रक्रिया करके सेंद्रीय बनाया जाता है। प्लास्टिक और सार्वजनिक धूम्रपान के लिए यहां बिल्कुल पाबंदी है। इस गांव में आपको कहीं भी खुले नाले नहीं मिलेंगे। वहां ड्रेनेज लाइन जो है वह जमीन के नीचे से है।
हर घर में रेन हार्वेस्टिंग का ध्यान रखा गया है और गांव की स्वच्छता खुद गांव वालों की तरफ से की जाती है । इस गांव को स्वच्छ रखना इस गांव में रहने वाले हर नागरिक का कर्तव्य होता है। यहां पर जो भी पर्यटक आते हैं उनके लिए अलग से स्वच्छता ग्रह बनाए गए हैं। वहा सभी स्वच्छता ग्रह यानि की टॉयलेट बिल्कुल साफ सुथरे रखे जाते हैं। खास बात यह है कि स्वच्छता ग्रहों की निगरानी वहां के लोग खुद रखते हैं।
Shillong Hill Station मेघालय का कश्मीर
शिलांग मेघालय (meghalay)की राजधानी है और एक ठंडी जगह का हिल स्टेशन है। भारत का एकमात्र तितलियों का प्राइवेट म्यूजियम शिलांग में है। यहां पर अनेक रंग बिरंगे आकार के तितलिया देखने को मिलती है कुछ तितलिया बिल्कुल खत्म होने के कगार पर हैं। वहां पर तितलियों का पुनर्तपादन केंद्र है और पूरे विश्व भर से वहां पर तितलियों के अंडे और कोषों की निर्यात होती है।
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शिलांग में एक बहुत ही फेमस डॉन बॉस्को म्यूजियम है ।यह म्यूजियम नॉर्थ ईस्ट के आदिवासी जमात के संकृति का एक आईना है क्योंकि उनकी समृद्धि और उनके कल्चर और संस्कृति को बिल्कुल म्यूजियम में दिखाया गया है। एशिया का सबसे बड़ा म्यूजियम इस म्यूजियम को माना जाता है। इस म्यूजियम को देखने के बाद आंखों को आनंद तो मिलता ही है साथ में यहां बहुत सारा ज्ञान भी मिलता है ।
इस म्यूजियम में आदिवासियों का रहन सहन, उनकी जीवनशैली ,उनका पेहराव, उनकी मान्यताएं ,उनका इतिहास ,उनके पारंपरिक वाद्य शस्त्र हस्तकला और उनके गहनों ,उनकी परंपराएं ,उनके त्यौहार , इन सारी चीजों के बारे में बिल्कुल सटीक जानकारी मिलती है।
उमेम लेक शिलांग (Umaim Lake meghalay)
![umaim lake](https://i0.wp.com/travelingmit.com/wp-content/uploads/2023/07/image-1.png?resize=640%2C360&ssl=1)
शिलांग में उत्तर दिशा की ओर उम्र लेख है जो कि 15 किलोमीटर की दूरी पर है। उसका आकार लगभग 2220 चौरस मीटर है वाटर साइकिल वाटर स्कूटर बूटी कया की और भी कुछ बाकी स्पोर्ट्स के लेख बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है लेख के आजू-बाजू में हरी-भरी पहाड़ियां ऊपर नीला आसमान नीचे चमचम आता पानी और पानी में पढ़ने वाले पेड़ों और आकाश का प्रतिबिंब इसकी वजह से इस लेख का सौंदर्य अवर्णनीय है। रिवर ऑफ वर्ल्ड
Dawki River:एशिया की सबसे साफ नदी
मेघालय (meghalay)राज्य के पश्चिम दिशा की ओर और दक्षिण दिशा की ओर बांग्लादेश की बॉर्डर है मेघालय के जितिया जिले में बांग्लादेश के बॉर्डर के नजदीक एक गांव है जिसका नाम है गांव की वहां पर गांव की ताम बिल यह भारत और बांग्लादेश की सीमा रेखा है
बांग्लादेश और भारत के सीमा पर है उमंगोट नदी और यही नदी 2 देशों की नई सीमा रेखा है ।इस नदी में भारत और बांग्लादेश के लोग बोटिंग करते हैं यह उमंगोट नदी एशिया की सबसे स्वच्छ नदी के रूप में प्रसिद्ध है। इसका पानी इतना स्वच्छ है की इसके तल के पत्थर भी आप ऊपर बैठे बैठे आसानी से गिन सकते हैं ।ऐसी स्वच्छ और साफ नदी में बोटिंग का आनंद एक अलग एहसास जरूर होगा। यहां से आपको वापस जल्दी निकलना पड़ता है क्योंकि यहां 4:30 /5:00 बजे अंधेरा छा जाता है।
मेघालय (meghalay)में संगीत और नृत्य जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। गारो खासी जयंतिया यह आदिवासी लोग गायन और नृत्य में एकदम निपुण होते हैं। कानों को बहुत ही मिठिसे लगने वाले गीत, पारंपरिक बांबू से बने हुए वाद्य और इनकी एक विशिष्ट लय, यही इन केंद्रित योग का एक वैशिष्ट्य होता है।
उनके पैरों से ही उनको आसानी से पहचाना जा सकता है ।मेघालय(meghalay) में डांस कभी भी हॉल में नहीं करते हैं। यहां पर खुले आसमान में खुले मैदानों में आकाश के नीचे के लोक नृत्य करते हैं ।पारंपरिक वेशभूषा यह यहां की आदिवासी जमात खासियत है । गारो महिलाएं कमर के ऊपर जो कपड़ा पहनते है उसको डाक मांडा कहते हैं।
उसे 6 या 10 इंच की बॉर्डर होती है और उस बॉर्डर पर फूलों की डिजाइन होती है । सभी औरतों के कपड़ों के ऊपर पेड़ पत्तों के डिजाइन होते हैं ।और वह भी एकदम डार्क कलर में होते हैं ।मेघालय के लोगों को अपने पारंपरिक वेशभूषा का अभिमान होता है और वह बड़े प्यार से और गौर के साथ उसे पहनते हैं
सही मायनों में भारत का मेघालय (meghalay)राज्य बहुत ही सुंदर बहुत ही बढ़िया है आप इस राज्य की सैर जरूर कर सकते हैं।
Conclusion
तो आपने अब तक इस आर्टिकल के द्वारा यह जाना कि मेघालय बहुत ही सुंदर और खूबसूरत राज्य है। वैसे देखा जाए तो भारत के जो नॉर्थ ईस्ट के 7 राज्य है वह सभी राज्य बहुत ही खास है। इस इलाके के ऊपर प्रकृति ने बहुत ज्यादा मेहरबानी दिखाई है।
इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको मेघालय (meghalay)जाने की इच्छा जरूर हुई होगी। आर्टिकल आपको कैसा लगा नीचे कमेंट में आप जरूर बता सकते हैं और इस आर्टिकल को आप अपने सोशल मीडिया अकाउंट के ऊपर शेयर भी कर सकते हैं।