Indian Airlines Plane Hijack: यह घटना आज से करीब 46 साल पहले की है. 20 दिसंबर 1978 को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-410 ने कोलकाता से दिल्‍ली के पालम एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरी थी. 130 पैसेंजर्स के साथ इस फ्लाइट को कोलकाता से चलकर लखनऊ होते हुए पालम एयरपोर्ट पहुंचना था. शाम करीब 5:45 बजे इंडियन एयरलाइंस का यह प्‍लेन (बोइंग 737-200) लखनऊ से पालम एयरपोर्ट के लिए टेकऑफ हो गया. यह प्‍लेन पालम एयरपोर्ट से महज 15 मिनट की दूरी पर था, तभी 15वीं रो में बैठे दो पैसेंजर्स अपनी सीट से उठे और कॉकपिट की तरफ बढ़ गए. दरअसल, ये दोनों पैसेंजर प्‍लेन हाईजैकिंग का मंसूबा लेकर आए हाईजैकर्स थे.

पहला हाईजैकर कॉकपिट में दाखिल हो गया और प्‍लेन के कप्‍तान पर पिस्‍तौल तान दी. वहीं दूसरे हाईजैकर ने प्‍लेन के इंटरकॉम सिस्‍टम के पास पोजीशन ले ली. प्‍लेन के पायलट और को-पायलट पर काबू पाने के बाद इन हाईजैकर्स ने इंटरकॉम से पैसेंजर्स को प्‍लेन हाईजैक होने की जानकारी दी. हाईजैकर्स प्‍लेन को नेपाल ले जाना चाहते थे, लेकिन फ्यूल की कमी बताकर कैप्‍टन एमएन भट्टीवाला ने असमर्थता जाहिर कर दी. इसके बाद, हाईजैकर्स ने प्‍लेन को बांग्‍लादेश ले जाने के लिए कहा, लेकिन पायलट्स ने एक बार फिर फ्यूल की कमी बताकर बांग्‍लादेश की तरफ जाने से इंकार कर दिया. आखिर में, हाईजैकर्स प्‍लेन को वाराणसी एयरपोर्ट पर लैंड कराने के लिए कहा.

यह भी पढ़ें: कराची में लैंड हुआ इंडियन एयरलाइंस का प्‍लेन, पाक आर्मी ने खाने में मिलवाया मीठा जहर, और फिर हुआ एक बड़ा ऑपरेशन… पालम एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले इंडियन एयरलाइंस के प्‍लेन में सीमित फ्यूल बचा था. फ्लाइट के कैप्‍टन को यह आभास हो गया था कि अब यह फ्लाइट कभी बंबई नहीं पहुंच पाएगी. वहीं हाईजैकर्स इस प्‍लेन को लीबिया ले जाना चाहते थे. प्‍लेन के खत्‍म होते फ्यूल और हाईजैकर्स की जिद के बीच… आगे क्‍या हुआ, जानने के लिए क्लिक करें.

वाराणसी एयरपोर्ट पर हुई हाईजैक हुए प्‍लेन की लैंडिंग
हाईजैकर्स की बात मानते हुए कैप्‍टन एमएन भट्टीवाला ने अगले कुछ मिनटों की उड़ान के बाद प्‍लेन को वाराणसी एयरपोर्ट पर लैंड करा दिया. इधर, हाईजैक हो चुके प्‍लेन के वाराणसी पहुंचने की खबर ने उत्‍तर प्रदेश के पुलिस प्रशासन को हिला कर रख दिया. आनन-फानन आसपास के जिलों की फोर्स का रुख वाराणसी एयरपोर्ट की तरफ कर दिया गया. अगले दिन यानी 21 दिसंबर 1978 की सुबह हाईजैकर्स ने प्‍लेन के रेडियो सिस्‍टम के जरिए अपनी मांगों का खुलासा कर दिया. हाईजैकर्स ने मुख्‍यतौर पर तीन मांगे सामने रखीं. पहली डिमांड- इंदिरा गांधी को जेल से रिहा किया जाए. दूसरी डिमांड- संजय गांधी पर दर्ज सभी केस को वापस लिया जाए. तीसरी डिमांड – भारत की तत्‍कालीन जनता पार्टी सरकार इस्‍तीफा दे.

हाईजैकर्स की डिमांड पता चलने के बाद उत्‍तर प्रदेश के तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री राम नरेश यादव को हाईजैकर्स से बातचीत करने की जिम्‍मेदारी सौंपी गई. जिसके बाद, तत्‍कालीन पुलिस महानिरीक्षक और मुख्‍य सचिव के साथ मुख्‍यमंत्री राम नरेश यादव वाराणसी एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए. उनका चार्डर प्‍लेन दोपहर करीब एक बजे वाराणसी एयरपोर्ट पर लैंड हुआ. इसके बाद, प्‍लेन के रेडियो सिस्‍टम के जरिए हाईजैकर्स और मुख्‍यमंत्री रामनरेश यादव के बीच शुरू हुई. बातचीत का यह दौर कई घंटों तक लगातार चलता रहा. इस बीच, कुछ पैसेंजर्स ने घुटन की शिकायत की तो हाईजैकर्स ने प्‍लेन के पिछले दरवाजे को खोलने की इजाजत दे दी. इसी दौरान, मौका पाकर करीब 60 पैसेंजर प्‍लेन से भागने में कामयाब हो गए.

यह भी पढ़ें: पसंद नहीं आया कॉलेज का कोर्स, बढ़वानी थी परीक्षा की तारीखें, तो लखनऊ के 4 लड़कों ने हाईजैक किया प्‍लेन, और फिर… 70 से 90 के दशक के बीच विमानन सुरक्षा का आलम यह था कि छोटी-छोटी बातों को लेकर कोई भी प्‍लेन हाईजैक कर लेता था. एक ऐसी ही घटना अप्रैल 1993 में घटित हुई, जिसमें लखनऊ के चार छात्रों ने अपनी परीक्षा की तारीख आगे बढ़वाने के लिए इंडियन एयरलाइंस का प्‍लेन हाईजैक कर लिया. क्‍या है पूरा मामला, जानने के लिए क्लिक करें.

हाईजैकर्स को इनाम में मिली यूपी विधानसभा की सदस्‍यता
पैसेंजर के भागने के कुछ देर बाद दोनों हाईजैकर्स ने आत्‍मसमर्पण कर दिया. आत्‍मसमर्पण के बाद दोनों की पहचान भोलानाथ पांडेय और देवेंद्र पांडेय के तौर पर हुई. गिरफ्तारी के बाद दोनों ने खुद को भारतीय युवा कांग्रेस के सदस्‍य बताया था. हालांकि इस दावे को कांग्रेस की तरफ से नकार दिया था. इस घटना से करीब दो साल बाद 1980 के आम चुनावों में इंदिरा गांधी और उनकी पार्टी ने एक बार फिर सत्‍ता में वापसी की. सत्‍ता में वापस आते ही इंदिरा गांधी ने भोलानाथ पांडेय और देवेंद्र पांडेय नामक दोनों हाईजैकर्स पर चल रहे मुकदमों को वापस ले लिया. इसके अलावा, 1980 के विधानसभा चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने इनाम के तौर पर इन दोनों हाईजैकर्स को पार्टी का टिकट भी दे दिया.

यहां आपको बता दें कि 20 दिसंबर 1978 को इंडियन एयरलाइंस के प्‍लेन को हाईजैक करने वाले दोनों हाईजैकर चुनाव जीत कर उत्तर प्रदेश विधानसभा का सदस्य बनने में कामयाब हो गए. भोलानाथ पांडे 1980 से 1985 तक और 1989 से 1991 तक कांग्रेस के विधायक रहे, जबकि देवेंद्र पांडे दो बार विधायक चुने गए. आप यह जानकार भी हैरान रह जाएंगे कि भोलानाथ पांडेय और देवेंद्र पांडेय नामक दोनों प्‍लेन हाईजैकर्स ने हाईजैकिंग की वारदात को अंजाम देने के लिए टॉय पिस्‍टल का इस्‍तेमाल किया था.

Tags: Airport Diaries, Crime News, Delhi airport, Delhi news, IGI airport, Lucknow Airport, UP news, Varanasi Airport

Source link

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *