सोनभद्र: यूपी में पूर्वांचल का नंबर वन पर्यटक स्थल में बनारस का नाम आया है. ऐसे में कई जिलों को पछाड़कर सोनभद्र भी चौथे स्थान पर पहुंच गया है. काशी के बदले कलेवर ने इसे पर्यटकों की नंबर वन पसंद तो बना दिया, पर इसका बेहद फायदा आसपास के जिलों को भी पर्यटन के क्षेत्र में मिल रहा है, जिसमें यूपी का आखिरी जिला सोनभद्र का भी नाम अब चौथे स्थान पर आ गया है.
पर्यटन स्थल में मिला चौथा स्थान
यूपी में दूसरे और तीसरे स्थान पर मिर्जापुर और भदोही जिले आए हैं. जहां मिर्जापुर में मां विंध्याचल धाम और अष्टभुजा मंदिर के साथ ही भदोही का सीतामढ़ी को मिला है. बनारस आने के बाद पर्यटक यहां भी बड़ी संख्या में पहुंचे हैं. इसके अलावा सोनभद्र आने में भी पर्यटकों ने कम रुचि नहीं दिखाई है.
फॉसिल्स पार्क है दुनियाभर में मशहूर
गौरतलब है कि सोनभद्र में कई ऐतिहासिक और पौराणिक के साथ प्राकृतिक सुंदरता की धरोहर हैं. कुछ मामलों में तो सोनभद्र दुनिया में अपना नाम और पहचान पर्यटन क्षेत्र में बना चुका है, जो सबसे बड़ा नाम है. उसे फॉसिल्स पार्क नाम से जाना जाता है, जो दुनिया का सबसे पुराना व सबसे बड़ा पार्क माना जाता है.
ऋषियों की तपस्थली रहा है यह जिला
इस श्रेणी में इसके अतिरिक्त भी जिले को ऋषियों की तपस्थली के रूप में जाना जाता है. साथ ही गुप्त काशी से भी होती है. सोनभद्र की अपनी पहचान यूपी का आखिरी जिला होने के साथ ही देश का पहला ऐसा जनपद है, जो 4 राज्यों से घिरा हुआ है, यहां तमाम ऐसी ऐतिहासिक कंदराये हैं, जिनमे कई ऋषि सालों तक तपस्या भी किए हैं.
जंगलों के मध्य हैं बहते झरने
यह जिला महाभारत काल से लेकर कई अन्य ऐतिहासिक विषयों का भी साक्षी रहा है. प्रकृति रूप से भी इस जिले का सौंदर्य किसी से कम नहीं है. यहां जंगलों के मध्य बहते झरने इसके नाम में और चार चांद लगा देते हैं.
कैमूर वन्य जीव में हैं दुर्लभ जीव जंतु
वहीं, कैमूर वन्य जीव भी यहां की प्रमुख पहचान है. जहां पर कई दुर्लभ जीव जंतुओं को लोग देखने के लिए दूर दराज से आते हैं. त्रिवेणी संगम का मनमोहक दृश्य हर किसी को भाता है, जो साक्षात 3 नदियों के मिलने का दर्शन कराता है. अब जिले में बढ़ते सैलानियों की वजह से ही इस जनपद में पर्यटन कार्यालय भी खुलने की हरी झंडी मिल गई है.
धारावाहिक चंद्रकांता का रहा है खास नाता
जिले में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए सूबे की सरकार भी संसाधनों में वृद्धि को लेकर लगातार नए पहल कर रही है. इतना ही नहीं इस जिले को किलों का शहर भी कहें तो गलत नहीं होगा.अपने समय में दूरदर्शन पर चलने वाले सबसे प्रसिद्ध धारावाहिक चंद्रकांता की कहानी का भी इस जिले और यहां के किले से खास नाता है.
महा मांगलेश्वर धाम में लगती है श्रद्धालुओं की भीड़
जहां नौगढ़ और अगोरि का किला यहां आने वाले हर पर्यटक को इसलिए तो भाता है. जहां शिखर पर विराजमान महा मांगलेश्वर धाम हो या सोन तट पर विराजते सोमनाथ जिनके दर्शन के लिए भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 7, 2024, 13:32 IST