प्लास्टिक की बोतलों पर लग रहा शु:ल्क
चिड़ियाघर प्रशासन ने यह निर्णय वन्यजीवों की सुरक्षा और परिसर की स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए लिया है. अक्सर देखा गया है कि पर्यटक पानी पीने के बाद प्लास्टिक की बोतलें परिसर में ही छोड़ देते हैं, जो कभी-कभी वन्यजीवों के बाड़े में पहुंच जाती हैं. यदि वन्यजीव गलती से इन बोतलों का सेवन कर लें, तो उनकी जान तक जा सकती है. इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए चिड़ियाघर प्रशासन ने यह सख्त कदम उठाया है.
प्लास्टिक की बोतल जमा करने पर पैसा होगा वापस
गोरखपुर चिड़ियाघर में आने वाले समय में यह नियम सिर्फ प्लास्टिक की बोतलों तक सीमित नहीं रहेगा. चिड़ियाघर के चिकित्सक योगेश ने बताया कि भविष्य में चिप्स और बिस्किट जैसे प्लास्टिक से पैक अन्य वस्तुओं पर भी यही नियम लागू करने की योजना बनाई जा रही है. इससे चिड़ियाघर के परिसर को और भी स्वच्छ और सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी.
क्लॉक रूम की रहेगी सुविधा
नए नियमों के तहत अगर कोई व्यक्ति स्टीकर और बोतल को फेंक देता है, तो उसे अपने पैसे वापस नहीं मिलेंगे. इसके बजाय यदि कोई अन्य व्यक्ति उस बोतल और स्टीकर को लाकर जमा करता है, तो उसे 20 रुपए वापस दिए जाएंगे. यह व्यवस्था चिड़ियाघर को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
इसके अलावा, चिड़ियाघर में क्लॉक रूम की भी सुविधा शुरू की गई है. अब दर्शक अपने बैग या अन्य सामान को 10 रुपए प्रति चार घंटे के हिसाब से क्लॉक रूम में सुरक्षित रख सकते हैं. यह व्यवस्था भी मंगलवार से लागू हो जाएगी.